Monday 6 October 2014

भारत की जनसंख्या



भारत की जनसंख्या:-
भारत विश्व की सबसे पुरानी सम्यताओं में से एक है जिसमें बहुरंगी विविधता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है। इसके साथ ही यह अपने-आप को बदलते समय के साथ ढ़ालती भी आई है। आज़ादी पाने के बाद पिछले 62 वर्षों में भारत ने बहुआयामी सामाजिक और आर्थिक प्रगति की है। भारत कृषि में आत्मनिर्भर बन चुका है और अब दुनिया के सबसे औद्योगीकृत देशों की श्रेणी में भी इसकी गिनती की जाती है। साथ ही उन चंद देशों में भी इसका शुमार होने लगा है, जिनके कदम चांद तक पहुंच चुके हैं। भारत का क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग कि.मी. है, जो हिमाच्छादित हिमालय की ऊंचाइयों से शुरू होकर दक्षिण के विषुवतीय वर्षा वनों तक फैला हुआ है। विश्व का सातवां बड़ा देश होने के नाते भारत शेष एशिया से अलग दिखता है जिसकी विशेषता पर्वत और समुद्र ने तय की है और ये इसे विशिष्ट भौगोलिक पहचान देते हैं। उत्तर में बृहत् पर्वत श्रृंखला हिमालय से घिरा यह कर्क रेखा से आगे संकरा होता जाता है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी, पश्चिम में अरब सागर तथा दक्षिण में हिन्द महासागर इसकी सीमा निर्धारित करते हैं। पूरी तरह उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत की मुख्यभूमि 8 डिग्री 4 मिनट और 37 डिग्री 6 मिनट उत्तरी अक्षांश और 68 डिग्री 7 मिनट तथा 97 डिग्री 25 मिनट पूर्वी देशान्तर के बीच स्थित है । उत्तर से दक्षिण तक इसकी अधिकतम लंबाई 3,214 कि.मी. और पूर्व से पश्चिम तक अधिकतम चौड़ाई 2,933 कि.मी. है। इसकी ज़मीनी सीमाओं की लंबाई लगभग 15,200 कि.मी. है। जबकि मुख्यभूमि, लक्षद्वीप और अण्डमान तथा निकोबार द्वीपसमूह की तटरेखा की कुल लम्बाई 7,516.6 कि.मी है।

जनगणना :-

जनगणना 2011 देश के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह ऐसे समय में निष्पादित की जा रही है, जब भारत का नाम दुनिया और आधुनिक राष्ट्र के रूप में सशक्त होकर उभर रहा है। हमारे देश का मानव संसाधन दुनिया में अद्वितीय माना जाता है तथा हमारी अर्थव्यवस्था एवं संस्कृति इसे भविष्य का उन्नत देश बनाने में महत्वपूर्ण रोल निभा रही हैं। जनगणना 2011 को दो चरणों में पूरा किया गया है। पहले चरण में अप्रैल से सितम्बर 2010 के बीच देशभर में घरों की गिनती कई है। दूसरे चरण की शुरुआत 9 फरवरी 2011 को हुई जो 28 फरवरी, 2011 तक चली। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) की रचना जनगणना 2011 के लिए मील का पत्थर है। यह देश के निवासियों के लिए एक व्यापक पहचान डाटाबेस का निर्माण करेगा। इसे बॉयोमीट्रिक डाटा की तरह सुरक्षित रखकर उपयोग किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति (15 वर्ष एवं उससे अधिक आयु वर्ग के लोग) की अद्वितीय पहचान संख्या (यूआईडी) दर्ज रहेगी। महापंजीयक और जनगणना आयुक्त, भारत सरकार के कार्यालय द्वारा देश के सभी सामान्य निवासियों को चरणबद्ध तरीके से राष्ट्रीय पहचान पत्र वितरित किया जाएगा। 


  जनसंख्या:-

एक मार्च 2001 को भारत की जनसंख्या एक अरब 2 करोड़ 80 लाख (532.1 करोड़ पुरुष और 496.4 करोड़ स्त्रियां) थी। भारत के पास 1357.90 लाख वर्ग कि.मी. भू-भाग है जो विश्व के कुल भू-भाग का मात्र 2.4 प्रतिशत है फिर भी विश्व की 16.7 प्रतिशत आबादी का भार उसे वहन करना पड़ रहा है। बीसवीं सदी की शुरुआत में भारत की आबादी करीब 23 करोड़ 84 लाख थी, जो बढ़कर इक्कीसवीं शताब्दी में एक अरब 2 करोड़ 80 लाख तक पहुंच गई। भारत की जनसंख्या की गणना 1901 के पश्चात हर दस साल बाद होती है। इसमें 1911-21 की अवधि को छोड़कर प्रत्येक दशक में आबादी में वृद्धि दर्ज की गई। वर्ष 1991-2001 की जनगणना अवधि के दौरान केरल में सबसे कम 9.43 और नागालैंड में सबसे अधिक 64.53 प्रतिशत जनसंख्या वृद्धि दर्ज की गई। दिल्ली में अत्यधिक 47.02 प्रतिशत, चंडीगढ़ में 40.28 प्रतिशत और सिक्किम में 33.06 प्रतिशत जनसंख्या वृद्धि दर्ज की गई। इसके मुकाबले, केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में वर्ष 1991-2001 के दौरान जनसंख्या वृद्धि काफी कम रही। हरियाणा उत्तर प्रदेश, बिहार, सिक्किम, नागालैंड, मणिपुर, गुजरात, दमन और दीव तथा दादरा और नागर हवेली आदी को छोड़कर शेष सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में वर्ष 1991-2001 के जनगणना दशक के दौरान पिछले जनगणना दशक क तुलना में जनसंख्या वृद्धि दर कम दर्ज की गई। जिन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में जनगणना दशक के दौरान जनसंख्या के प्रतिशत में वृद्धि दर्ज की गई, यह भारत की कुल आबादी का लगभग 32 प्रतिशत है। 


जनसंख्या घनत्व :-

जनसंख्या का घनत्व जनसंख्या सांद्रण के महत्वपूर्ण सूचकांक में एक है। इसे प्रति वर्ग किलो मीटर व्यक्तियों की संख्या के रुप में परिभाषित किया गया है। वर्ष 2001 में भारत का जनसंख्या घनत्व 324 प्रति वर्ग कि.मी.था। वर्ष 1991 और 2001 के बीच सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में जनसंख्या का घनत्व बढ़ गया। प्रमुख राज्यों में पश्चिम बंगाल वर्ष 2001 में 903 के जनसंख्या घनत्व के साथ अभी भी सर्वाधिक घनी आबादी वाला राज्य बना हुआ है। अब बिहार दूसरा सर्वाधिक घनी आबादी वाला राज्य बन गया है और केरल तीसरे स्थान पर आ गया है। 


लिंग अनुपात:- 

प्रति हजार पुरुषों में स्त्रियों की संख्या के रुप में परिभाषित लिंग अनुपात किए गए गए समय बिन्दु पर एक समाज में पुरुषों और स्त्रियों के बीच व्याप्त समानता की सीमा को मापने का एक महत्वपूर्ण सामाजिक सूचक है। इस देश में लिंग अनुपात हमेशा से स्त्रियों के अनुकूल नहीं रहा। बीसवीं सदी की शुरुआत में यह 972 था और तत्पश्चात 1941 तक इसमें निरन्तर गिरावट देखी गई। 

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